स्वतंत्र भारत की प्रभावी राजनीतिक महिलाएं

 


भारत के स्वतंत्रता संग्राम और समाजोत्थान में महिलाओं का उल्लेखनीय योगदान रहा है। और भारत के स्वतंत्र होने के बाद भी महत्वपूर्ण योगदान महिलाओं का रहा है। आज़ादी के पहले जहॉ विदेशी ताकतों के बहिष्कार की चुनौती थी, समाज में कुरितियों को खत्म करना था , वहीं स्वतंत्र भारत में महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक करना और समाज में बराबरी का दर्जा दिलाना बड़ा महत्वपूर्ण काम रहा है। संविधान के निर्माताओं ने महिला अधिकारों की पैरवी की थी। उसी अधिकार के बल पर भारत की कईं महिलाएं राजनीति के शिखर को छू पाई और अपने कार्यों से समाज हित में, देश हित में नई क्रांति कर पाई। जिन महिला नेत्रियों का योगदान उल्लेखनीय है। उनमें कुछ नाम स्वतंत्र भारत के जन-जन की जुबां पर है।

विजय लक्ष्मी पंडित

विजयलक्ष्मी पंडित का जन्म 18 अगस्त 1900 को हुआ। वे स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ थी। वे स्वतंत्रत भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बहन थी। उन्होंने भी स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया। महात्मा गांधी के आंदोलन से प्रभावित होकर वे कई आंदोलन से जुड़ी और जेल भी गई। वे भारत की पहली राजदूत और पहली कैबिनेट मिनिस्टर रही।

इंदिरा गांधी

प्रियदर्शनी के नाम से जानी जाने वाली भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को प्रयागराज में हुआ। वे अपनी दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और निर्णायक नेतृत्व के लिए जानी जाती है। उनके कार्यकाल में हरित क्रांति को बढ़ावा मिला, जिससे हमारा देश कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर बना। 1971 के दौरान हुए भारत-पाक युद्ध में उनकी भूमिका में बांग्लादेश को स्वतंत्रता मिली। उन्होंने अपने कार्यकाल में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया, प्रिवी पर्स की समाप्ति जैसे अनेक महत्वपूर्ण सुधार किए। इसके अतिरिक्त इन्होंने 1975 में देश में आपातकाल लगाया जो काफी विवादास्पद रहा। अंत में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान उनकी हत्या कर दी गई।

प्रतिभा पाटिल

प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का जन्म 19 दिसंबर 1934 को नदगांव महाराष्ट्र में हुआ। उन्हें देश की पहली राष्ट्रपति बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वे कांग्रेस पार्टी की नेता रही एवं राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया। उनके कार्यकाल में मुख्यतः महिला सशक्तिकरण और सामाजिक कल्याण पर कार्य किये गये। उनका शिक्षा और स्वास्थ्य नीतियों में भी योगदान रहा। वे अपने सरल स्वभाव के लिए जानी जाती है ।

सुषमा स्वराज

सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को अंबाला में हुआ। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रमुख नेता रही हैं। एवं वे भाजपा की पहली महिला मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, महासचिव, प्रवक्ता और विदेश मंत्री भी बनी। उन्होंने कई अहम नीतिगत फैसले लिए और महिला भागीदारी बढ़ाने के लिए सतत् कार्य किया। वे भारतीय संसद की प्रथम एवं एकमात्र ऐसी महिला सदस्य हैं जिन्हें आउटस्टैंडिंग पार्लिमैण्टेरियन सामान मिला है। वे अपने सरल व्यवहार और कुशल प्रशासन के लिए जानी जाती है।

सुमित्रा महाजन

'ताई' के नाम से लोकप्रिय सुमित्रा महाजन का जन्म 12 अप्रैल 1943 को हुआ। वे भारतीय राजनीति एवं लोकसभा की अध्यक्ष रही। उनका राजनीतिक जीवन इंदौर की नगर निगम पार्षद के रूप में चुने जाने से प्रारंभ हुआ। वे लगातार आठ बार लोकसभा अध्यक्ष चुनी गई, जो उनके लोकप्रियता और संसदीय अनुभव को दर्शाता है। उनकी छवि एक ईमानदार और समर्पित राजनेता की रही हैं। राजनीति के अलावा वे साहित्य और संस्कृति में भी रुचि रखती है।

ममता बैनर्जी

ममता बैनर्जी का जन्म 5 जनवरी 1955 को कोलकाता में हुआ। वे भारतीय राजनीतिक दल तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख नेता एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी। इन्हें डॉक्टरेट की मानक उपाधि भी प्राप्त है। मात्र 15 साल की उम्र से ही राजनीति में शामिल है। वे अब भी अपनी बुलंद और सख्त राजनीति के लिए जानी जाती है। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिए काफी प्रयास किए। साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की कई योजनाएं चलाई। उन्होंने वामपंथी शासन को समाप्त कर बंगाल की राजनीति में बड़ा बदलाव लाया। हालांकि उनके कार्यकाल में उन पर कई राजनीतिक विवाद और आरोप भी लगाए गए।

जयललिता

जयललिता जयरामन का जन्म 24 फरवरी 1948 को हुआ। वे दक्षिण भारतीय राजनीतिक दल ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम की महासचिव बनी‌। इसके पूर्व वे तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनी। उन्हें 'अम्मा' के नाम से भी जाना जाता है। उनके शासन काल में राज्य की आर्थिक और बुनियादी स्थितियों में काफी बदलाव आए। उन्होंने महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए कई योजनाएं चलाई। जिन्में से अम्मा कैंटीन, अम्मा पानी सबसे सफलतम योजनाएं रही। वे आज भी तमिलनाडु की राजनीति में प्रेरणादायक व्यक्तित्व मानी जाती है।

सोनिया गांधी

9 दिसंबर 1946 को इटली में जन्मी सोनिया गांधी, कांग्रेस पार्टी की सबसे वरिष्ठ नेता मानी जाती है। वे कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष बनी और करीब दो दशक तक पार्टी का निर्देशन किया। वे राजनीति में प्रवेश के पहले सार्वजनिक जीवन से दूर थी, लेकिन पति राजीव गांधी की मृत्यु के बाद उन्होंने कांग्रेस को मजबूती दी। वे आज भी पार्टी की मार्गदर्शक बनी हुई है।

मायावती

मायावती का जन्म 15 जनवरी 1956 को दिल्ली में हुआ वह मुख्य भारतीय राजनीतिज्ञ है और चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रही है। वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष है। जो सबसे कमजोर वर्गों अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक के सामाजिक परिवर्तन के लिए केंद्रित है। इन्हें जनता 'बहन जी' कहकर संबोधित करती है ।

महबूबा मुफ्ती

महबूबा मुफ्ती का जन्म 22 में 1959 को हुआ। वे जम्मू कश्मीर की प्रमुख नेता और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष हैं। वे जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। वे अपने नरमपंथी व्यवहार और कश्मीरी युवाओं से संवाद स्थापित करने की कोशिशों के लिए जानी जाती है। इनकी राजनीति मुख्य रूप से कश्मीर और लोगों के अधिकारों पर केंद्रित रही है। कई बार विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में भी रही है।

वसुंधरा राजे

वसुंधरा राजे सिंधिया का जन्म 8 मार्च 1953 में हुआ। वे भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता रही है। साथ ही वे राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री भी रही है। उन्होंने राज्य में बुनियादी ढांचे, महिला सशक्तिकरण और औद्योगिक विकास पर जोर दिया। भामाशाह योजना और जल वलंबन अभियान जैसी योजनाएं उनके कार्यकाल में शुरू की गई। वे राजस्थान में भाजपा के मुख्य चेहरों में से मानी जाती है।

द्रौपदी मुर्मू

द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा में हुआ। वे भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति है। जिन्होंने 24 जुलाई 2022 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इससे पहले वे झारखंड की पहली राज्यपाल के रूप में कार्यरत रही है।उन्होंने एक शिक्षिका के रूप से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करी। उनका जीवन संघर्ष, सेवा और सादगी का प्रतीक है। उनका आदिवासी सशक्तिकरण, महिला अधिकार जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान रहा।

निर्मला सीतारमण

भारत की तत्कालीन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडु में हुआ। इन्हें भारत की पहली महिला वित्त मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इससे पहले वे रक्षा मंत्री भी रह चुकी है। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई आर्थिक सुधार, बजट प्रावधान और नीतिगत फैसले लिए, जिनका प्रभाव देश की वित्तीय स्थिरता और विकास पर पड़ा। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा को नई दिशा प्रदान की है।

इनके अलावा स्मृति ईरानी, उमा बाजपेई, नितिशा कुमार, मीरा कुमारी, राहत विश्वास, मेनका गांधी, आनंदी बेन पटेल, शीला दिक्षीत के भी नाम उल्लेखनीय है जो वर्तमान में भारतीय राजनीति में अलग-अलग स्तरों पर नेतृत्व कर रही हैं। संसद से लेकर ग्राम पंचायतों तक कई महिलाए है जिनके काम मील के पत्थर की तरह है। आज उन सब महिलाओं के अभिनंदन का दिन है जिन्होंने अपने सामर्थ पर एक नई लकीर खींची।



-देशना जैन

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